लबों से उफ्फ ना करती थी, आँखें तूने उसकी कभी पढ़ी न थी। लबों से उफ्फ ना करती थी, आँखें तूने उसकी कभी पढ़ी न थी।
वो मेरी खुशियों का राज है हाँ मुझे उससे प्यार है। वो मेरी खुशियों का राज है हाँ मुझे उससे प्यार है।
रेत से फिसलते रिश्तो से सबक सीख लिया। हद से ज्यादा किसी को चाहना गुनाह है। रेत से फिसलते रिश्तो से सबक सीख लिया। हद से ज्यादा किसी को चाहना गुनाह है।
दिल-ए-दरिया किस तरह करेंगे पार ओ जानेजाना दिल-ए-दरिया किस तरह करेंगे पार ओ जानेजाना
जहां अब कोई नहीं आता, सिर्फ तेरी यादों के सिवाए। जहां अब कोई नहीं आता, सिर्फ तेरी यादों के सिवाए।
ये प्यार मेरा बेशुमार सा था, मेरा परिवार ही मेरा पहला प्यार सा था।। ये प्यार मेरा बेशुमार सा था, मेरा परिवार ही मेरा पहला प्यार सा था।।